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विविधता में एकता यही है भारत की विशेषता


राष्ट्र के रूप मे भारत की सबसे बडी विशेषता इसकी "विविधता मे एकता" है. भारत विविध एंव मिश्रित सभ्यता-संसकृति का देश है. यहॉ विभिन्न भाषा धर्म जाति सम्प्रदाय एंव क्षेत्र के लोग निवास करते है. इन सबका भारत के राष्ट्रीय जीवन मे महत्वपूर्ण योगदान रहा है.राष्ट्र के रूप मे भारत को समय -समय पर विभिन्न समस्याओं से जूझना पडा. भारत को विदेशियो ने हमेशा प्रभावित करने का प्रयास किया जिसके परिणामस्वरूप भारत गुलाम हो गया. 15अगस्त 1947 को भारत गुलामी की जंजीरो सो मुक्त हुआ. स्वतन्त्र भारत के सामने भी अनेको समस्याएं आती रहीं. अंग्रेजों ने "फूट डालो और शासन करो" की नीति अपनाई थी. इस नीति का कुपरिणाम भारत को आज तक भुगतना पड रहा है. स्वतंत्र भारत के सामने राष्ट्रीय एकता की गम्भीर समस्या उत्पन हो गयी जिसका प्रभाव आज भी बना हुआ है. आज इस भावना के विकास की अत्यधिक आवश्यकता है कि हम समझें कि "हम सब भारतवासी है" तथा "भारत हमारा राष्ट्र है.

विविधता अच्छी चीज भी है विभिन्न सभ्यताओ संस्कृति का विकास होता है लेकिन राष्ट्र के लिए यह घातक भी है धर्म भाषा और जाति के नाम पर आपस मे उलझना देश को कमजोर बनाता है 


विविधता मे एकता भारत राष्ट्र की अपनी विशेषता है हम "धर्मनिरपेक्ष राज्य के नागरिक है" भारत मे विविधता पहले से है और हम सब मिलजुलक रहते आये है. हिन्दू और मुस्लिम मुगल शासकों के समय मे भी साथ रहते थे पर्व त्यौहार साथ मे मनाते आये है एक दूसरों को उनके त्यौहारों की बधाईयॉ मुबारकबाद देते है. सिखों के गुरूद्वारे मे हिन्दू जाते है सिख मन्दिर पूजन मे भी भाग लेते है. अलग-अलग होते हुए भी हम "सब भारतवासी एक है". 

राष्ट्र के जिम्मेदार नागरिक बने

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