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26 जनवरी का महत्व (आखिर 26 जवनरी को ही क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस)

26 जनवरी का महत्व क्या है? 

भारत एक गणतन्त्रात्मक राष्ट्र है जो 2021 मे अपना 72वां गणतन्त्र दिवस मना रहा है, 26 जनवरी 1950 को पूर्ण रूप से संविधान पूरे देश मे लागू हुआ था या स्वतंत्र भारत मे पहली बार 26जनवरी1950 को पूरे देश मे नियम-कानून को लागू किया था, इस ही दिन से प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतन्त्रता दिवस के रूप मे बडे हर्षोल्लास से मनाया जाता है.

26 जनवरी 1930 तक जब अंग्रेज सरकार ने भारत को डोमीनियन का दर्जा नहीं दिया तो तब कांग्रेस ने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ किया. उस दिन से 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त होने तक 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता रहा. इसके बाद 15 अगस्त 1947 को वास्तविक स्वतंत्रा प्राप्त करने के बाद इस दिन स्वतंत्रता दिवस मनाया जाने लगा. भारत के आज़ाद हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से शुरू किया. संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे.

संविधान किसी देश का हृदय या रीढ की हड्डी होता है जो सम्पूर्ण राष्ट्र को एक कानून या नियम व्यवस्था मे बांधता है 
1947 से पूर्व हमारा अपना संविधान नही था और स्वतंत्र भारत बनने के बाद व्यवस्थित रूप से राष्ट्र को चलाने के लिए संविधान की आवश्यकता हुयी तब जाके संविधान समिति का गठन हुआ संविधान समिति मे 22 समितियां बनी जिसमे ड्राफ्टिंग कमेटी सबसे प्रमुख थी जिसके अध्यक्ष डॉ बी. आर अम्बेडकर थे 

'संविधान लिखना' या 'निर्माण करना' था. प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव आंबेडकर थे. प्रारूप समिति ने और उसमें विशेष रूप से डॉ. आंबेडकर ने 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान सुपूर्द किया.

दो शब्द:-26 जनवरी संविधान को लागू होने के रूप मे मनाया जाता है लेकिन वर्तमान में विद्यालयों द्वारा "प्रभात फेरी" मे यह सुनाई नही देता कि डॉ बी राव अम्बेडकर की जय, सविंधान की जय, रिस्पेक्ट अवर कॉंस्टीट्यूशन यहॉ तक कि बच्चों को ये तक पता नही है कि आज 26 जनवरी को स्वतंत्रता मिली थी या कानून बच्चों लगे पडे है- 
"26 जनवरी अमर रहे"
"अमर शहीदों की जय"
"जब तक सूरज चाँद रहेगा गांधी जी का नाम रहेगा" 

विद्यालय के शिक्षक बच्चों को ये तक नही बताते कि आज के दिन गांधी जी ने कुछ नही किया था, बल्कि हमारे देश के संविधान निर्मात डॉ अम्बेडकर जी ने देश के लिए आज के दिन ही सविंधान देश को सौंपा था, 

बाबा साहेब पूरे भारत मे अकेले ऐसे व्यक्ति थे जो संविधान का निर्माण कर सकते थे, उनके अलावा और कोई व्यक्ति इतनी काबीलियत नही रखता था...




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